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सफलता के 6 नियम

  • नियम-1 : अपना लक्ष्य (goal/vision) निर्धारित करो I
  • नियम-2 : निराशावादी लोगो की बाते मत सुनो I
  • नियम-3 : बहानेबाजी मत बनाओ I(समय का सही उपयोग करो)
  • नियम-4 : प्लान-B मत रखो I
  • नियम-5 : हारने से मत डरो I
  • नियम-6 : समाज के लिए योगदान दो I
         नियम-1 : अपना लक्ष्य (goal/vision) निर्धारित करो 

आपके पास एक गोल एक विजन होना चाहिए अगर आपके पास एक गोल नहीं है एक विजन नहीं है तो आपको पता नहीं चलेगा कि आपको कहां जाना है और फिर आप भटकते रहोगे और कभी वहां नहीं पहुंच पाओगे जहाँ जाना चाहते हो I क्या आप जानते हो कि कितना एक्साइटिंग फील होता है जब आपका गोल आपका विजन आपको मिल जाये I सारी चीजे अपने आप आसान नजर आने लग जाती हैं I एक रिसर्च के मुताबिक इस दुनिया में सिर्फ 26% लोगो को ही अपना काम अपनी नौकरी पसंद है बाकि 74% लोग सिर्फ अपने रोज के खर्चे और जरूरतों को पूरा करने की वजह से जो काम जो नौकरी उन्हें नही पसंद है उसी में लगे हुए हैं I ऐसे  74% लोग बिना किसी गोल के बिना किसी डायरेक्शन के घूम रहे थे, उन्हें यहां-वहां कहीं पर बहुत सारी जॉब ओपनिंग दिखाई दी तो उन्हें लगा कि चलो अप्लाई कर देते हैं तो उन्होंने अप्लाई कर दिया कुछ एक में वो सिलेक्ट हो गए तो बस काम करना शुरू कर दिया क्योंकि सीधी सी बात है रोज के खर्चे उठाने के लिए काम तो करना पड़ता है तो बस उन्होंने काम करना शुरू कर दिया लेकिन जब काम करना शुरू किया तो उन्हें काम करते-करते समझ में आया कि यह तो एक बहुत ही बोरिंग रूटीन बन गया काम करने में मजा ही नहीं आ रहा है अब क्या करें?  सोच के देखो सिर्फ 26 % लोग अपने काम को पसंद करते हैं और पूरे पैशन के साथ कर रहे हैं सिर्फ 26 % लोग I लाइफ में एक लक्ष्य होना बहुत जरूरी है और चाहे आपकी कोई सी भी फील्ड हो यह फार्मूला हर जगह काम करता है I

   नियम-2 : निराशावादी लोगो की बाते मत सुनो 

आप जब भी अपने गोल अपने विजन  को प्राप्त करने के रास्ते पर चलोगे तो आपके आस पास के लोग आपके मित्र यहाँ तक की हो सकता है आपके परिवार के सदस्य आपको बोल सकते हैं कि ये असंभव काम है तुमसे नही हो पायेगा I ऐसे लोगो से बचकर रहना है I सब कुछ इंपॉसिबल होता है जब तक कि कोई करके ना दिखाए I अगर आप निराशावादी लोगों की बातों में आ गए तो आपका कुछ नहीं होगा I 

  नियम-3 : बहानेबाजी मत बनाओ (समय का सही उपयोग करो)

एक दिन में 24 घंटे होते हुए भी लोग कहते हैं कि उनके पास वक्त नहीं है I अगर 8 घंटे आप सोते हो 8 घंटे आप जॉब करते हो तो 8 घंटे फिर भी बचते हैं I हो सकता है दो घंटे आप ट्रेवल करते हो इसके बाद भी 6 घंटे आपके पास बचते हैं I क्या करते हो उस टाइम का ? सोच कर देखो हो सकता है उस टाइम में लोगों से मिलते हो खाना खाते हो एंटरटेनमेंट या कुछ और करते हो मगर आपको ये क्लियर समझ में आ रहा होगा कि कितना सारा टाइम फिर भी बच के आता है अगर हम यह सारा टाइम ऐड करके देखें अगर आप अपना टाइम ऑर्गेनाइज करके अपने काम को ऑर्गेनाइज करके देखो तो कितना सारा टाइम एक साल में आपके पास निकल कर आता है I

हार्ड वर्क से कोई नहीं बच सकता अगर आप लाइफ में कुछ करना चाहते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस परिवार से हो I रगड़ के मेहनत करो कोई जादुई दवा नहीं है जिसे आप  खा लोगे या कोई सक्सेस का मंत्र नहीं है जिसका आप जाप कर लोगे तो आप सक्सेसफुल हो जाओगे I इस दुनिया में कोई शॉर्टकट नहीं है कोई मैजिक नाम की चीज नहीं है I मेहनत मेहनत और मेहनत बस यही एक तरीका है

   नियम-4 : प्लान-B मत रखो 

हमे प्लान बी से नफरत होना चाहिए I ऐसा क्यों है ? क्योंकि हमारे पास काम करने वाले कम और डाउट करने वाले ज्यादा है हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग हैं जो कहेंगे तुम ये नही कर पाओगे ये करना इंपॉसिबल है ऐसे डाउट करने वाले और हमारे कॉन्फिडेंस को तोड़ने वाले लोग हमारी लाइफ में हर स्टेज पर मिलेंगे इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन प्रॉब्लम तब आती है जब हम खुद पर डाउट करने लग जाते हैं और हमें प्लान बी की जरूरत फील होने लगती है I सेल्फ डाउट सबसे डेंजरस चीज है क्योंकि अब आप कह रहे हो कि अगर मेरा प्लान ए काम नहीं करेगा तो मेरे पास बैकअप में प्लान बी होना चाहिए और मेरे पास है भी यानी जैसे ही आपने प्लान बी के बारे में सोचना शुरू किया आपकी एनर्जी आपका  पूरा का पूरा अटेंशन डायवर्ट हो गया I किस तरफ ? प्लान ए से प्लान बी की तरफ I अब अगर आप प्लान ए को करते हुए या प्लान ए करने से पहले प्लान बी के बारे में सोचते हो तो उसका मतलब यह हुआ कि आपने अपने प्लान ए को 100% दिया ही नहीं जब 100% दिया ही नहीं तो वह तो फेल होगा ही ना I तो अगर आपके पास प्लान बी है तो खुश मत हो कि वाह मेरे पास तो प्लान बी है अगर प्लान ए फेल हो गया तो मैं सेफ हूं यह कोई अच्छी बात नहीं है I इस एटीट्यूड से इस तरह काम करने से अब आपका प्लान बी फिर से प्लान ए बन जाएगा जो कि फेल हो जाएगा I प्लान बी मत रखो क्योंकि ऐसा करने से आप खुद का ही नुकसान कर रहे हो और अपनी ही सक्सेस के चांसेस और कम कर रहे हो I लोग प्लान बी क्यों रखते हैं ? पता है क्योंकि उन्हें डर लगता है कि मेरा प्लान ए फेल हो गया तो क्या होगा?

  नियम-5 : हारने से मत डरो

हारने से मत डरो कि मेरा प्लान ए फेल हो गया तो क्या होगा? क्योंकि फेल होने में कोई बुराई नहीं है बड़े से बड़ा आदमी जिसके बारे में आपने सुना है वो कई बार फेल होने के बाद वहां पहुंचा है जहां वो आज है I आपको फेल होना ही पड़ेगा अगर सक्सेस की सीढ़ियां चढ़ने है तो ऐसा कोई सक्सेसफुल इंसान नहीं है जो फेल नहीं हुआ I जो हार नहीं सकता, वह कभी जीत भी नहीं सकता I हम सब हारते हैं इट्स ओके I मगर क्या ओके नहीं है ?पता है ?  बताता हूं हारने के बाद फिर से खड़ा नहीं होना यह ओके नहीं है I फिर से फेल होने के डर से प्रयास नहीं करना  यह ओके नहीं है I खुद की किस्मत या दूसरों को ब्लेम करना यह ओके नहीं है I अपने वीक पॉइंट्स पर काम नहीं करना यह ओके नहीं है I वही गलती फिर से दोहराना यह ओके नहीं है I  सिर्फ ऐसा आदमी ही लूजर होता है I विनर्स फेल होते हैं उठते हैं फेल होते हैं फिर उठते हैं इस तरह कभी भी उठने में फेल नहीं होते I इसलिए हारने से मत डरो क्यों क्योंकि हारने की चिंता करोगे तो वहीं रह जाओगे I  लाइफ में अच्छे डिसीजंस नहीं ले पाओगे, काम पे फोकस्ड नहीं रह पाओगे और इस तरह लाइफ में कहीं नहीं पहुंच पाओगे I यानी हारने के डर से आप वो कर ही नहीं पाओगे जो आप करना चाहते हो I  रिलैक्स इट्स ओके टू फेल I फिर से अपनी जी जान लगा दो जो भी है तुम्हारे पास सब कुछ लगा दो आज नहीं तो कल देर से ही सही लेकिन सक्सेस को आपसे कोई अलग नहीं कर सकता I

   नियम-6 : समाज के लिए योगदान दो 

ऊपर के 5 नियमो का पालन करने के दौरान या इसके बाद जब आप कामयाब हो जाओ, जब आपके पास वो सब हो जो आपने चाहा था तो जरूरतमंदों को और सोसाइटी को वापस लौटाना, किसी भी तरह से कंट्रीब्यूट करना न भूलें क्योंकि यह भी सक्सेस का एक इंपोर्टेंट रूल है जो आपको अंदर से सक्सेसफुल फील करवाता है

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